हरियाणा के सोनीपत में साइबर ठगों ने रिटायर्ड फौजी को झांसे में लेकर 2 लाख 29 हजार रुपए हड़प लिए। उसके पास जानकार बन कर विदेशी नंबर से फोन किया और दोस्त की मां की बीमारी का बहाना बना कर रुपए कई बार अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। सिटी पुलिस ने धारा 420 में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
विदेशी नंबर से वॉट्सऐप कॉल
सोनीपत में गोहाना रोड पर अशोक विहार गली 1 में रहने वाले सतबीर कौशिक ने बताया कि वह आर्मी से रिटायर्ड है। 3 मई काे 2.30PM पर पास विदेशी नंबर से वॉट्सऐप काल आई। दूसरी तरफ से उसे कहा गया कि पहचाना। मैनें बोला कि गौरव बोल रहा है। उसने कहा- ठीक पहचाना। इसके बाद फोन करने वाले ने कहा कि उसके एक साथी की मां बीमार है, उसके पास पैसे भेजने हैं।
ऐसे लिया झांसे में
इस पर रिटायर्ड फौजी ने उसे बताया कि उसके पास तो रुपए नहीं हैं। दूसरी तरफ से कहा गया कि रुपए मैं आपके खाते मे भेज देता हूं। फौजी ने कहा कि उसके पास भेज दो। इस पर दूसरी तरफ से कहा गया कि 2 ट्रांजैक्शन हो जाएंगी। इसके बाद फौजी ने उसे अपना अकाउंट नंबर भेज दिया। दूसरी तरफ से उसे पैसे जमा करने की स्लिप भेजी गई। कहा कि पैसे आपके खाते मे भेज दिए हैं। मैं 10 तारीख को आने के बाद बाकी के पैसे ले लूंगा।
मां की बीमारी का बहाना
थोड़ी देर बाद उसने कहा कि उसकी मां बहुत बीमार है। आप अपने पास से रुपए भेज दो। दूसरी तरफ से बहुत कहने पर फौजी सतबीर ने रमेश सिंह के खाते से 99 हजार 999 रुपए किसी शिखर रस्तोगी के खाते में भेज दिए। फिर प्रदीप कुमार के अकाउंट से 50 हजार रुपए शिखर के खाते में डाले गए। फिर उसने कहा कि कुछ रुपए और भेज दो।
बार-बार खातों में डाले रुपए
सतबीर ने बताया कि उसने इसके बाद अपने बेटे नवीन कुमार के खाते से 20 हजार रुपए गूगल पे के माध्यम से मनीराम को भेज दिए। फिर नवीन कुमार के खाते से 25 हजार रुपए शिखर रस्तोगी के खाते में भेज दिए। उसके बाद नवीन कुमार के खाते से 5000 रुपए, फिर दवाई के नाम पर गूगल पे से 30 हजार रुपए गोपाल सिंह के अकाउंट में भेज दिए। इस प्रकार कुल मिलाकर 2 लाख 29 हजार रुपए भेज दिए।
बात हुई तो ठगी का चला पता
एक्स आर्मी मैन ने बताया कि अगले दिन उसने दोस्त गौरव के मोबाइल फोन पर बात की तो हकीकत का पता चला। उसने मामले की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल पर दी। अब सिटी पुलिस ने सतबीर कौशिक की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस उन अकाउंट और फोन नंबर का पता लगा रही है, जिनमें रुपए ट्रांसफर हुए हैं।