यमुना तलहटी में बसे बेगा गांव में एक शिक्षक की शुरुआत के बाद अब 20 विषय विशेषज्ञ शिक्षा की अलख जगा रहे है। बेगा में सालभर पहले एक निशुल्क ई-लाइब्रेरी के साथ ही गांव में आर्य समाज मंदिर के परिसर में एक निशुल्क कोचिंग सेंटर खोला।
कोचिंग सेंटर में ये युवा उन जरूरतमंद छात्र-छात्राओं का भविष्य संवार रहे है, जो आर्थिक दिक्कतों के चलते उच्च शिक्षा पूरी नहीं कर पा रहे है या महंगे कोचिंग सेंटरों में जाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते है।
कोचिंग सेंटर में करीब 120 छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाएं ले रहे है। गणित, साइंस, जनरल नॉलेज समेत अन्य विषयों की कक्षाएं लगाई जा रही है। जिसमें सीईटी, रेलवे, पुलिस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करवाई जा रही है।
शिक्षा विभाग पानीपत में एपीसी के पद पर कार्यरत डा. अतर सिंह ने बताया कि उसकी जन्मभूमि बेगा गांव है। उसका मकसद है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसको लेकर उसने बीते साल स्वावलंबन मंच के साथ ही ई-लाइब्रेरी की शुरूआत करने के साथ ही बच्चों को एक-एक पुस्तक भेंट की, ताकि उसी दिन से पढ़ाई शुरू हो सके।
मंच के साथ 20 विशेषज्ञ जुड़े। गांव के आर्य समाज मंदिर परिसर में कोचिंग सेंटर बनाया। यहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट के शिक्षक बच्चों को पढ़ाते, जरूरत पड़ने पर स्पेशल विषय के टीचर को बुलाया जाता है। विकली मूल्यांकन किया जाता है। ताकि कोई कमी न रहे।
उन्होंने बताया कि 10वीं कक्षा से ऊपर के विद्यार्थियों को मोटिवेट किया जाता है। शिक्षक भी बच्चों के सामने अपने-अपने एक्सपीरियंस साझा करते है। इससे बच्चे को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि ई-लाइब्रेरी के साथ कोचिंग सेंटर पर तैयारी कर 13 प्रतिभागियों ने पहले प्रयास में ही सीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इससे दूसरे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
हर कोई करता अपना अनुभव शेयरः अतर सिंह
शिक्षक डा. अतर सिंह ने बताया कि उनके साथ 100 युवा-युवती जुड़ चुके है, जोकि अपनी खासियत को बच्चों के साथ शेयर कर उनका मनोबल बढ़ाते है। कुलदीप का कम्प्यूटर में अच्छा नॉलेज है, उसने बच्चों को बताया कि अगर किसी कंपनी में जॉब लगती है तो कंप्यूटर पर किस तरह से काम किया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न आए। अक्सर कंप्यूटर सीखते समय में इन बातों को हमें पता नहीं लगता है, सिर्फ बेसिक चीज ही सीख पाते है।
ई-लाइब्रेरी में यह होता
बच्चे ऑनलाइन अपनी जरूरत की सामग्री पढ़ सकते है, साथ ही उसका प्रिंट भी ले सकते है। ई-लाइब्रेरी में किताबें तो रहेंगी ही, साथ ही ऑनलाइन भी पठन सामग्री उपलब्ध रहेगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को भी घर बैठे लाभ मिलेगा। इस सुविधा से गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी होगी।
सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद जगीः रविकांत
सीईटी पास करने वाले रविकांत ने बताया कि उसके पिता का निधन हो चुका है। माता शीला आंगनवाड़ी में वर्कर है। मेहनत मजदूरी कर घर का खर्च चल पाता है। वह महंगे कोचिंग सेंटर पर जाकर परीक्षा की तैयारी करने में सक्षम नहीं। गांव में निशुल्क ई-लाइब्रेरी व कोचिंग मिलने पर उसने कड़ी मेहनत कर सीईटी की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के साथ ही सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है।
इन्होंने की परीक्षा पास
मोहित कुमार, रविकांत, प्रवीन कश्यप, निखिल, सोनिया, मुस्कान, तन्नू, कुलदीप, जयंत, अजय सैनी, सुनील मलिक, सूरज गोस्वामी व भूपेंद्र कश्यप।