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सोनीपत रवि दहिया, विनेश को गोल्ड, पूजा ब्रॉन्ज:कॉमनवेल्थ में छा गए हरियाणा के पहलवान; घरों पर बंटने लगी मिठाई

जरा हटके ब्रेकिंग न्यूज़ राष्ट्रीय सोनीपत

कॉमनवेल्थ में शनिवार को हरियाणा तीन और पहलवानों के गेम पर देशवासियों की नजरें टिकी थी। सोनीपत के रेसलर रवि दहिया के बाद अब यहां की बहू विनेश फोगाट ने भी गोल्डन दांव खेला है। रवि ने नाइजीरिया के वेल्सन को हरा कर गोल्ड मेडल जीत लिया है। ये भारत का 10वां गोल्ड है। उन्होंने ये मैच 10-0 से जीता। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में पाक के रेसलर को हरा कर फाइनल में पहुंच गए हैं। वहीं अब विनेश फोगाट ने इंडिया की झोली 11वां गोल्ड डाल दिया है। सोनीपत के फरमाना की पूजा गहलोत ने 50 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

ओलिंपिक में गोल्ड जीत चुके रवि दहिया ने शनिवार को पाकिस्तान के असद अली को हराकर फाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने सेमीफाइनल 14-4 के बड़े अंतर से जीता। इसी के साथ रेसलिंग में भारत का एक और मेडल पक्का हो गया है। इससे पहले रवि ने 1 मिनट 14 सेकंड में न्यूजीलैंड के पहलवान सूरज को 10-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

विनेश का तीसरा गोल्ड

विनेश फोगाट ने विमेंस 50 KG वेट कैटेगरी में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया है। ये भारत के लिए बर्मिंघम गेम्स में 11वां गोल्ड मेडल है। वही, कुश्ती में भारत का पांचवां सोना है। विनेश का ये कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा गोल्ड है। उन्होंने 2014 और 2018 में भी सोना जीता था।

पूजा ने ब्रॉन्ज पर लगाया दांव

महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्री स्टाइल कैटगरी में पूजा गहलोत सेमीफाइनल में हार गई थी। इसके बाद वह ब्रॉन्ज मेडल के लिए मैट पर उतरी और जीत वाला दांव लगाया। पूजा गहलोत ने 50 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इससे पहले उन्होंने क्रिस्टेल लेचिदजियो और रेबेका मुआम्बो को हराया था। शनिवार को रेसलिंग 50Kg वेट कैटेगरी में पूजा गहलोत ने टेक्निकल सुपीरियारिटी के आधार पर जीत हासिल कर ली है। उन्होंने 12-2 के बड़े अंतर से मैच जीता।

रवि दहिया- दिल्ली में एजुकेशन डायरेक्टर

हरियाणा के सोनीपत के नाहरी गांव में जन्में रवि दहिया फिलहाल दिल्ली में आप सरकार में एजुकेशन डायरेक्टर हैं। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। 10 साल की उम्र मे ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रेसलिंग शुरू कर दी थी। पिता राकेश दहिया भूमिहीन किसान थे, जो कि ठेके पर जमीन लेकर फसलें उगाते थे। रवि को आगे बढ़ाने के लिए वे 40 किलोमीटर दूर अपने गांव से बेटे के लिए सब्जी और दूध लेकर लेकर जाते थे।

वर्ष 2015 जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप रवि दहिया ने सिल्वर जीता था। सीनियर तक पहुंचे तो चोट ने परेशान किया। 2018 वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में 57 किलो कैटेगरी में सिल्वर पाया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 2020 में एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता। फिर 2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में रजत जीतकर देश प्रदेश का नाम रोशन किया। वे मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी थे।

विनेश फोगाट- गीता-बबीता के नक्शेकदम पर

सोनीपत की बहू विनेश फोगाट से भी देशवासियों को कॉमनवेल्थ में मेडल की उम्मीद है। वे दो बार ओलिंपिक खेल चुकी हैं। कॉमनवेल्थ में 2 स्वर्ण पदक, एशियाई खेलों में एक स्वर्ण पदक उनके नाम है। 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2021 में एशियन चैंपियन में विजेता रही। भिवानी के बलाली गांव की विनेश अपनी चचेरी बहन गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शे क़दम पर चल रही है। उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने बहुत ही कम उम्र में उनको कुश्ती के दांव पेंच सिखाने शुरू कर दिए थे। उनकी शादी 13 दिसंबर 2018 को सोनीपत के फरमाना गांव के पहलवान सोमबीर राठी से हुई है। फिलहाल परिवार के साथ दिल्ली रहती है।

पूजा गहलौत- पिता नहीं चाहते थे पहलवान बने

सोनीपत के गांव फरमाना की पूजा गहलौत भी शनिवार को कॉमनवेल्थ में उतरेगी। देशवासियों को उनसे भी पदक की उम्मीद है। पूजा के चाचा धर्मवीर सिंह एक पहलवान थे और उनके देखा देखी वे 6 साल की उम्र से ही अखाड़े में खेलने लगी थी। उनके पिता बिजेंद्र सिंह उनके कुश्ती खेलने के खिलाफ थे। पूजा ने वॉलीबॉल खेलना शुरू और जूनियर राष्ट्रीय स्तर पर खेली।

गीता फोगाट और बबीता फोगाट ने 2010 कॉमनवेल्थ में मेडल जीते तो वह फिर से रेसलिंग की तरफ आ गई। 2014 में प्रशिक्षण शुरू किया। जूनियर नेशनल चैंपियनशिप 2015 में गोल्ड जीता। 2016 में 48 किग्रा भार वर्ग में राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप जीती। हालाँकि, उसी वर्ष, उसे एक चोट लग गई जिसने उसे कुश्ती से एक वर्ष से अधिक समय तक दूर रखा। UWW U-23 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में तुर्की की जेनेप येटगिल को हराने के बाद वह सुर्खियों में आई।

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