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अब रोबोटिक्स क्षेत्र में उद्यमी बनने वाले युवाओं को प्रशिक्षण देगा डीसीआरयूएसटी

शिक्षा सोनीपत

सोनीपत : मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) अब युवाओं को रोबोटिक्स के क्षेत्र में उद्यमी बनने वालों को प्रशिक्षण देगा। साथ ही जो युवा रोबोटिक्स के क्षेत्र में स्टार्टअप प्रारंभ करना चाहते हैं, उन्हे सहयोग देने का कार्य भी विश्वविद्यालय भविष्य में कर पाएगा। यही नहीं युवा अपने आइडिया और अनुसंधान को व्यवसायिक रूप दे सकेंगे। इसके लिए डीसीआरयूएसटी ने अंत्रप्रन्योरशिप (उद्यमिता) व स्टार्टअप पॉलिसी पास की है। इससे विद्यार्थियों को उद्यमी बनने में काफी मदद मिलेगी।

विश्वविद्यालय परिसर में शैक्षणिक परिषद की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने की। शैक्षणिक परिषद में विभिन्न प्रस्ताव पास किए गए। प्रमुख रूप से प्रदेश सरकार की उद्यमिता व स्टार्टअप पॉलिसी-2017 को मूल रूप में स्वीकार किया गया, जिससे विद्यार्थियों के उद्यमी बनने के रास्ते खुल गए हैं। इस पॉलिसी से स्टार्टअप को भी प्रोत्साहन मिलेगा। विश्वविद्यालय ने ऐसे विद्यार्थी जो कि उद्यमिता व स्टार्टअप में रुचि रखते हैं, वे पाठ्यक्रम की अवधि में एक वर्ष का अतिरिक्त अंतराल लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।

इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रधान अन्वेषक डॉ. पवन कुमार दहिया ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट के क्षेत्र में योग्यता हासिल की है। विश्वविद्यालय में ई-यंत्र लैब एक संस्था के सहयोग से स्थापित की गई है। रोबोटिक्स लैब के कारण छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित रोबोटिक्स प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। अब उद्यमिता व स्टार्टअप पॉलिसी लागू होने से विद्यार्थी और ऊंचाई तक जाएंगे। विश्वविद्यालय को मिल चुका है प्रदेश का पहला इंक्यूबेशन सेंटर

डीसीआरयूएसटी को रोबोटिक्स के क्षेत्र में प्रदेश का पहला इंक्यूबेशन सेंटर मिल चुका है। इसे राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था। सेंटर के माध्यम से प्रबंधन प्रशिक्षण, कार्यालय स्थान और सलाह प्रदान करके स्टार्टअप कंपनियों की मदद की जाएगी। स्वचालन, चिकित्सा, रक्षा, परिवहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, मानव रहित वाहन संगणना और कृषि के क्षेत्र में उभरती हुई कंपनियां लाभान्वित होगीं। यह पॉलिसी पास होने और अंतराल वर्ष की सुविधा मिलने से युवा अपने आइडिया व अनुसंधान को व्यवसायिक रूप देने में सक्षम हो पाएंगे।

प्रदेश सरकार की उद्यमिता व स्टार्टअप पॉलिसी युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने वाली है। विश्वविद्यालय ने इसको पूर्ण रूप से स्वीकार करके लागू करने का निर्णय लिया है। इससे नौसिखिया, लेकिन होनहार कंपनियों को दक्ष, अनुभव, नेटवर्किंग और विस्तार प्रदान करने में मदद मिलेगी। वे वैश्विक बाजार में लंबे समय प्रतिस्पर्धा का सफलता पूर्वक सामना कर पाएंगे। राष्ट्र व प्रदेश के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

– प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत, कुलपति, डीसीआरयूएसटी, मुरथल।

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