साल्वर गैंग के शातिर पुलिस कार्रवाई और जेल जाने से नहीं डरते हैं। वह तीन से पांच महीने में जमानत पर आ जाते हैं। एसटीएफ सोनीपत की टीम ने साल्वर गैंग के 67 आरोपितों को गिरफ्तार किया था, अब इनमें से 50 से ज्यादा की जमानत हो चुकी है। इनमें गैंग का सरगना दिल्ली पुलिस का सिपाही रोबिन और सीबीआइ का एलडीसी दिशांत भी शामिल है। जमानत पर आने के बाद उनमें अपराध की हीन भावना तक नहीं है।
दोबारा धंधा शुरू करने की फिराक में हैं आरोपित
एसटीएफ सूत्रों की माने तो अपने गुर्गों के सहारे वह दोबारा से धंधा शुरू करने की फिराक में है। अधिवक्ताओं का मानना है कि कानून की जिन धाराओं में साल्वर गैंग पर कार्रवाई की जाती है, उनमें आसानी से जमानत हो जाती है। अक्टूबर, 2021 को पानीपत के सेक्टर-13/17 में पुलिस के सुरक्षा शाखा प्रभारी प्रमोद ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि रोबिन अपने साथियों के साथ हैकिंग साफ्टवेयर का प्रयोग कर परीक्षाओं के प्रश्नपत्र हल कराते हैं।
इसके बदले में वह मोटी धनराशि वसूलते हैं। वह 2013 से गैंग चला रहे हैं। एसटीएफ ने गैंग के सरगना दिल्ली पुलिस के सिपाही रोबिन को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही रोबिन के साथी दिशांत को गिरफ्तार कर लिया था। वह कई विभागों की परीक्षा पास करवाने की एवज में 10 से 20 लाख रुपये तक लेते थे। स्क्रीन हैक करके
साल्व कराते थे पेपर
वह अपने गैंग के साथ सरकारी नौकरी की आनलाइन परीक्षा में किराये पर लैब लेकर स्क्रीन हैक कर धांधली कराते थे। वह ट्रस्ट बनाकर कालेज व स्कूलों की कंप्यूटर लैब किराए पर लेते थे। रैकेट की देशभर में 19 लैब मिली हैं। आरोपित गैंग एसएससी, एमटीएस, एचएसएल, सीजीएल, आरपीएफ, वन विभाग, यूजीसी नेट, जेईई, आरबीआइ, एसबीआइ, एम्स पीजी, दिल्ली फारेस्ट गार्ड, बैंक प्रमोशन आइडीबीआइ समेत 17 परीक्षाओं के पेपर साल्व कराना स्वीकार कर चुके हैं।